देश की महंगाई से आम जनता चिंतित है. टमाटर, प्याज, हरी सब्जियां और दाल समेत ज्यादातर खाद्य पदार्थ महंगे हो गए हैं। सबसे खास बात यह है कि Arhar Dal की कीमत लोगों के किचन का बजट बिगाड़ रही है.
देश में महंगाई की मार है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. जब एक खाद्य पदार्थ सस्ता हो जाता है तो अन्य खाद्य पदार्थ महंगे हो जाते हैं। महंगाई की दौड़ में दालें भी टमाटर, प्याज और हरी सब्जियों की कतार में शामिल हो गई हैं।
पिछले 15 दिनों में दालों की कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इससे जनता रसोई का बजट बिगड़ गया है. लोग रो रहे हैं क्योंकि Arhar Dal की कीमत इतनी ज्यादा है.
सबसे ज्यादा दाल पैदा करने वाला राज्य मध्य प्रदेश भी महंगाई से अछूता नहीं है. इस देश में दालें भी महंगी होती जा रही हैं. नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा बेल्ट में अरहर दाल का सबसे अधिक उत्पादन होता है। बावजूद, लागत बढ़ती जा रही है।
इसके परिणामस्वरूप ग्राहक, व्यापारी और खुदरा विक्रेता सभी चिंतित हैं। मंडी डीलरों और मिल मालिकों के अनुसार, किसानों ने फसल सीजन 2022-23 में कम क्षेत्र में अरहर का उत्पादन किया। परिणामस्वरूप, अरहर उत्पादन में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसका असर मंडियों में देखा जा सकता है।
मंडियों में Arhar Dal की सप्लाई कम हो गई है.
व्यापारियों के मुताबिक, उत्पादन में कमी के कारण मंडियों में अरहर की आपूर्ति कम हो गई है। परिणामस्वरूप, कीमतें बढ़ रही हैं। अरहर इस समय थोक बाजार में 10,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से उपलब्ध है. उस समय एक किलोग्राम Arhar Dal की थोक कीमत बढ़कर 100 रुपये हो गई थी.
हालांकि, रिटेल सेक्टर में इसे 150 से 160 रुपये प्रति किलो के हिसाब से पेश किया जाता है. नतीजा, गरीबों की थाली से दाल गायब हो गयी है. स्थानीय डीलरों के मुताबिक, अगले साल फरवरी में नई फसल बाजार में आ जाएगी. ऐसे में फरवरी तक दालों की कीमत में और बढ़ोतरी हो सकती है।

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इस वजह बढ़ रही अरहर दाल की कीमत
करेली मंडी सचिव अरविंद मुग्दल के मुताबिक, नरसिंहपुर जिले में किसानों ने इस साल अरहर की जगह अलग-अलग फसलें उगाईं। परिणामस्वरूप, उत्पादकता गिर गई और मंडियों में अरहर दाल का प्रवेश बाधित हो गया। उनका दावा है कि एक क्विंटल अरहर इस समय मंडियों में 9500 से 10700 रुपये तक बिक रही है।
ऐसे में लागत बढ़ने से अरहर दाल की कीमत और बढ़ रही है. वहीं, मिल संचालक रामलाल राय का दावा है कि अरहर के उत्पादन में गिरावट के कारण दाल की कमी हो गयी है. ऐसे में रेट बढ़ रहे हैं.
Arhar Dal इस समय बाजार में 115 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि चना 140 से 160 रुपये प्रति किलोग्राम है। पिछले साल इसकी कीमत 100 से 110 रुपये प्रति किलो के बीच थी.
कब गिरेंगी कीमतें
अनोखा पहलू यह है कि Arhar Dal की कीमत पिछले कुछ महीनों में 12.5 फीसदी चढ़ गई है. हालांकि केंद्र सरकार ने महंगाई को काबू में रखने के लिए दालों के आयात की इजाजत दे दी है.
चालू वित्त वर्ष में 12 लाख टन दालों का आयात होने की उम्मीद है, जो पिछले साल से 35 फीसदी ज्यादा है. प्रशासन का अनुमान है कि इससे कीमतें कम होंगी.